Thursday, 18 August 2011

क्यूँ सावन..आखिर सावन होता है..



वो बादलों का घिरना

वो रिम झिम उनका बरसना

वो सुबह का आलम

वो मंद मंद बयार

वो बच्चों की मस्ती

वो कागज की  कश्ती

और वो  जाते हुए सावन का

यूं रह रह कर बरसना

ये आज समझ आया है 'अशोक'

कि क्यूँ सावन ...

आखिर सावन होता है||

...अशोक अरोरा ....

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