तेरे नैनों का पानी........
July 12, 2011 at 9:21am
कुआं था
नदी थी
समंदर भी
हमारा था
मगर पीने को
ना अब पानी
कुआं सूखा
नदी मैली
समंदर भी तो खारा है
और तेरे नैनो का
पानी भीअब मैला मैला
और ज्यादा
खारा खारा है
आओ मिल बैठे.....
और रास्ता कोई निकाले
ताकि नयी पीड़ी को हम
अमृत पिला डाले और
फिर कोई सर फिरा
ना ये कह सके
कि 'अशोक'
कुआं सुखा
नदी मैली
समंदर भी तो खारा है
और तेरे नैनो का
पानी भी अब
मैला मैला
और
ज्यादा खारा खारा है
....... अशोक अरोरा.......
आओ मिल बैढे
ReplyDeleteऔर रास्ता कोई निकाले
ताकि नयी पीड़ी को हम
अमृत पिला डाले और
फिर कोई सर फिरा
ना ये कह सके
की 'अशोक'
कुआ सुखा
नदी मैली
समंदर भी तो खारा है
और तेरे नैनो का
पानी भी अब मिला मैला मैला
और ज्यादा खारा खारा है
मन के खूबसूरत भावो को लिख दिया आपने अशोक जी ...
इस जहान...कोई किसी को सोचे
ऐसा कभी देखा नहीं
आप जो सोचते है
उसे एक सही राह मिले
ये ही दुआ है इस दिल की .
--
anu