Monday 29 August 2011

गुरुवर.....

 


मैने जब जन्म लिया था
ए, बी, सी, डी
क, ख, ग, घ
मुझ को कुछ ना आता था |
पहली गुरु मुझे अम्मा मिली
माँ, पा जिसने सिखाया था |
अच्छे भले बुरे का ज्ञान
मैनें जिस से पाया था |
जब मैं बड़ा हुआ था
तब माँ, पा ने मुझे
पढ़ने भिजवाया था
तब मेरे गुरु ने मुझे को
भाषा ज्ञान कराया था |
मेरा भी मन करता था
मैं भी कुछ लिखा करूँ
बहुत विचार आते थे मन में
पर मैं लिखने से डरता था |
बड़ी पुरानी कथनी है कि
जिन खोजा तिन पाया
और खोज खोज कर
मैने भी एक गुरु पाया |
इस गुरु ने मेरे मन के
डर को दूर भगाया
और मुझ को लिखने का
गुरु मंत्र सिखाया ... |
जो कुछ मैनें लिखा है
वो सब इस गुरु को समर्पित है. ..
सच कहा है .मेरे ग्रंथों ने ....

गुरु ब्रह्मा गुरुर विष्णु
गुरु देवो महेश्वरः
गुरु साक्षात परा ब्रह्मा
तस्मै श्री गुरवे नमः |
और तभी तो 'अशोक' कहता है
जिन गुरुवर अच्छा पाया
तिन  सब  पाया ||||...

2 comments:

  1. बहुत बढ़िया ...गुरुजनों को प्रणाम

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  2. गुरु ब्रह्मा गुरुर विष्णु
    गुरु देवो महेश्वरः
    गुरु साक्षात परा ब्रह्मा
    तस्मै श्री गुरवे नमः |
    और तभी तो 'अशोक' कहता है
    जिन गुरुवर अच्छा पाया
    उन्होंने ने सब कुछ पाया ||||...
    ji ha aapne bikul sach kaha hai aapne

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