Sunday 1 September 2013

क्यूँ ना...




तुम बदले
सब बदल गया
अब क्या करूँ...???
सोचता हूँ
अब मोहब्बत
मेरे बस की
बात नहीँ
तू बसा है...
मन-मन्दिर मेँ
अब तक
क्यूँ ना तेरी
इबादत करूँ
~अशोक अरोरा~

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