Thursday 29 August 2013

मोहब्बत अब क़ृष्ण ...


देख क़ृष्ण 
तुझे किसी ने 
जाना हो या नहीँ
तेरे उपदेशोँ
तेरी बातोँ को
किसी ने समझा
हो या नहीँ
पर एक बात 
बिना मर्म 
जाने रिश्तोँ का... 
इस दौर मेँ 
सब की 
समझ मेँ 
आ गयी 
गली गली मेँ
आजकल यहाँ
क़ृष्ण और
राधाओँ की 
बाढ़ सी आ गयी
मोहब्बत अब 
कृष्ण... 
तेरे नाम पे 
बिकती है 
राधाओँ की लाज 
आज सरे-आम
चौराहोँ पे
लुटती है 
~अशोक अरोरा~

Tuesday 6 August 2013

मुझ को भी...


अश्कोँ को

ना रख

आंखोँ मेँ

इनको बह 

जाने दे

कुछ तस्वीर 

निखरने दे मेरी

मुझ को भी 

अपनी नज़रोँ मेँ 

बस जाने दे !!!!!

...अशोक अरोरा